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श्री बी. एम. शर्मा

संस्थापक सदस्य – ममता विद्या मंदिर सेकेंडरी स्कूल

संस्थापक का संदेश

आदरणीय अभिभावकों, शिक्षकगण, विद्यार्थियों और समस्त विद्यालय परिवार को मेरा स्नेहभरा नमस्कार।

ममता विद्या मंदिर सेकेंडरी स्कूल की स्थापना वर्ष 1983 में जब की गई थी, तब यह केवल एक सपना था — एक ऐसा सपना जिसमें हम चाहते थे कि हसनपुरा (ए) जैसे क्षेत्र में भी शिक्षा की रोशनी हर घर तक पहुँचे।

उस समय इस क्षेत्र में कोई विद्यालय नहीं था, और शिक्षा की कमी यहाँ के बच्चों के भविष्य में सबसे बड़ी बाधा थी। हमने घर-घर जाकर अभिभावकों को समझाया कि शिक्षा केवल डिग्री नहीं, जीवन बदलने की सबसे बड़ी ताकत है।

आज जब हम उस छोटे से प्रयास को एक समर्पित, अनुशासित और सफल विद्यालय के रूप में देख रहे हैं — तो यह केवल मेरा नहीं, बल्कि आप सभी अभिभावकों, शिक्षकों और सहयोगियों का सांझा सपना है।

हमारा उद्देश्य हमेशा रहा है कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित न हो, बल्कि बच्चों के सर्वांगीण विकास, संस्कार, और आत्मनिर्भरता का साधन बने।

आज विद्यालय में:

  • स्मार्ट क्लासरूम,

  • डेली प्रोग्रेस रिपोर्ट,

  • साप्ताहिक टेस्ट,

  • कंप्यूटर और व्यावसायिक शिक्षा,

  • खेलकूद, योग, संगीत, और

  • गरीब छात्रों के लिए विशेष सहायता योजनाएँ
    जैसी अनेक सुविधाएँ उपलब्ध हैं।

मुझे गर्व है कि हमारे विद्यालय के छात्र न केवल अकादमिक क्षेत्र में बल्कि खेलों, सेवा कार्यों और प्रतियोगिताओं में भी जिले और राज्य स्तर पर नाम रोशन कर रहे हैं।

अंत में मैं यही कहना चाहूँगा —
“विद्यालय एक इमारत नहीं, वह मंच है जहाँ भविष्य गढ़े जाते हैं।”

मैं आप सभी से निवेदन करता हूँ कि मिलकर हम इस प्रयास को और भी ऊँचाइयों तक पहुँचाएँ।

🙏
आपका स्नेही
श्री बी. एम. शर्मा
संस्थापक सदस्य
ममता विद्या मंदिर सेकेंडरी स्कूल